Employee Health Insurance Scheme : मध्य प्रदेश के बाहर निवास कर रहे पेंशनर्स को नहीं मिलेगा बीमा का लाभ
भोपाल। Employee Health Insurance Scheme सेवानिवृत्ति के बाद मध्य प्रदेश के बाहर जाकर निवास कर रहे पेंशनर्स को कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ नहीं मिलेगा। जिन परिवारों के दोनों सदस्य (पति-पत्नी) सेवारत हैं, उनमें सिर्फ एक ही व्यक्ति को बीमा योजना का लाभ दिया जाएगा।
राज्य सरकार ने योजना के प्रस्तावित प्रारूप में यह प्रावधान किया है। सरकार केंद्र या अन्य राज्यों में प्रतिनियुक्ति पर गए कर्मचारियों को तो योजना का लाभ नहीं देगी, लेकिन अखिल भारतीय सेवा के अफसरों के लिए योजना में शामिल होने का विकल्प रहेगा।
अंशदान पर आयकर छूट
योजना में शामिल होने वाले कर्मचारियों को सरकार अंशदान पर आयकर में छूट देगी, तो आश्रित परिवारों के 25 साल से कम उम्र के तीन बच्चों को योजना का लाभ मिल सकेगा। योजना से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए शिकायत निवारण प्रणाली बनाई जाएगी।
निरामय सोसायटी करेगी संचालन
इस योजना का संचालन निरामयम सोसायटी के माध्यम से किया जाएगा। योजना शुरू करने से पहले सरकार स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत सोसायटी का गठन करेगी। निजी अस्पतालों में इलाज के बिलों का भुगतान इसी सोसायटी के माध्यम से किया जाएगा और अस्पतालों के बिलों के परीक्षण की भी व्यवस्था रहेगी।
अभी मिल रहीं 24 रु. की दवाएं
प्रदेश में पांच लाख पेंशनर्स हैं। प्रत्येक को वर्तमान में 24 रुपए प्रतिमाह और 288 रुपए प्रति वर्ष की दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। राज्य सरकार ने वर्ष 2019-20 के बजट में पेंशनर्स को दवाएं उपलब्ध कराने के लिए 14.59 करोड़ का प्रावधान किया है। जबकि 7.50 लाख अधिकारियों-कर्मचारियों को चिकित्सा लाभ देने के लिए सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में 131 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है। सरकार प्रत्येक कर्मचारी परिवार पर 145 रुपए प्रति माह खर्च कर रही है।
Source: Newdunia