हेल्थ इंश्योरेंस में जाने क्या हैं तेजी के कारण, कोरोना वायरस के ट्रिटमेंट का खर्च 1 करोड़ रुपये
वर्तमान समय में हिंदुस्तान में कुल 57 इंश्योरेंस कंपनियां हैं, जिसमें से 24 जीवन इंश्योरेंस व 33 नॉन-इंश्योरेंस कंपनियां शामिल हैं। इसके अतिरिक्त 6 पब्लिक सेक्टर इंश्योरेंस कंपनियां (Public Sector Insurance Companies) भी शामिल हैं।
नॉन-इंश्योरेंस सेक्टर के मुद्दे में सबसे तेजी ग्रोथ हेल्थ इंश्योरेंस इंडस्ट्री (Health Insurance Industry) में देखने को मिल रही है। पिछले कई वित्त सालों में इस सेक्टर में ग्रोथ का आंकड़ा डबल डिजिट में देखने को मिल रहा है। फार्मा कंपनियां व प्राइवेट हॉस्पिटल्स (Private Hospitals) सबसे अधिक हेल्थ इंश्योरेंस उपलब्ध करा रही हैं। बाजार के लिहाज से इनकी हिस्सेदारी करीब 55 प्रतिशत से भी अधिक है। हेल्थ इंश्योरेंस में क्या हैं तेजी के कारण
कुछ रिपोर्ट्स से पता चलता है कि कई फैक्टर्स की वजह से इस सेक्टर में ग्रोथ देखने को मिल रही है। गंभीर बीमारियों से होने वाले खर्च से बचने के लिए लोगों की रुचि हेल्थ इंश्योरेंस में बढ़ रही है। हाल ही में जनरल इंश्योरेंस (General Insurance) बिजनेस में रिस्ट्रक्चरिंग की वजह से भी हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में ग्रोथ देखने को मिल रही है। साथ ही, लोगों की आवश्यकता कि हिसाब से उन्हें अपने लिए इंश्योरेंस चुनने का बढ़ता विकल्प भी एक कारण है कि इस सेक्टर में ग्रोथ देखने को मिल रही है। हालांकि, जानकारों की मानें तो ठीक मार्केटिंग स्ट्रैटजी की कमी भी इस सेक्टर के लिए आगे की ग्रोथ को रोक रहा है। अभी भी छोटे शहरों में हेल्थ इंश्योरेंस चुनने वालों की संख्या में कुछ खास तेजी नहीं देखने को मिल रही है।
प्राइवेट अस्पतालों पर लोगों का भरोसा
हिंदुस्तान में बीते कई वर्षों से ये ट्रेंड देखने को मिल रहा है कि बेहतर ट्रिटमेंट के लिए आम लोगों की रुचि प्राइवेट हॉस्टिपटल्स में अधिक बढ़ रही है। यही कारण है कि इस सेक्टर में प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियों का बोलबाला देखने को मिल रहा है। इन हेल्थ इंश्योरेंस में कई तरह ही सुरक्षा की सुविधा मिलती है। लेकिन, क्या आपको कारोना वायरस जैसी गंभीर संक्रमित बीमारियों में हेल्थ इंश्योरेंस का फायदा मिलेगा।
कोरोना वायरस के ट्रिटमेंट का खर्च 1 करोड़ रुपये
हाल ही में चाइना के वुहान शहर में पहली बार कोरोना वायरस के बारे में पता चला है। अब तक इस वायरस से 400 से भी अधिक लोगों को संक्रमित पाया गया है। भारतीय मूल की प्रीति माहेश्वरी भी चाइना में इस वायरस संक्रमित पाई गईं हैं। चाइना में ही इनका इलजा चल रहा है। प्रीति को इस वायरस के प्रकोप से बचाने के लिए करीब 1 करोड़ रुपये का अनुमानित खर्च बताया गया है। पर्सनल बचत से यह फंड जुटान प्रीति के परिवार के लिए मुमकिन नहीं है। यही कारण है कि उनके भाई मनीष थापाप इंपैक्टगुरु की मदद से 1 करोड़ रुपये जुटाने का कोशिश कर रहे हैं। अभी तक प्रीति के लिए करीब 33 लाख रुपये जुटाया जा चुका है।
भारत में जारी किया गया अलर्ट
हालांकि, हिंदुस्तान में इस वायरस से किसी के संक्रमित होने की समाचार नहीं है। एहतियात के तौर पर हिंदुस्तान में इसे लेकर अलर्ट जरूर जारी कर दिया गया है। ऐसे में आपके लिए ये जानना महत्वपूर्ण है कि क्या इस तरह की हालात को हेल्थ इंश्योरेंस में कवर किया जाता है या नहीं।
क्या कारोना वायरस इंश्योरेंस पॉलिसी में कवर होगा?
ध्यान देने वाली बात है कोरोना वायरस (Corona Virus) यह कोई पहले से पहचानी गई बीमारी नहीं है। अगर आप पहले से हॉस्पिटल में है तो आपके हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में इसे कवर किया जाएगा। इंश्योरेंस से जुड़े एक जानकार का बोलना है कि अगर आप किसी तरह के वायरस से संक्रमित हैं व हॉस्पिटल में भर्ती हैं तो यह आपके हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के भीतर आएगा। इसमें आपके हॉस्पिटल में भर्ती होने से पहले व बाद का खर्च कवर किया जाएगा। इसके पहले भी एच1एन1 व इबोला के मुद्दे को हेल्थ इंश्योरेंस के तहत कवर मिला था।
Source: Hindustan Samay.com