18-02-2020

फसल बीमा कराने में दिलचस्पी नहीं ले रहे किसान

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18-02-2020
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फसल बीमा कराने में दिलचस्पी नहीं ले रहे किसान

फसल बीमा कराने में दिलचस्पी नहीं ले रहे किसान शामली। जिले के किसान अपनी फसलों का बीमा कराने में खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। जिले में करीब 1.23 लाख किसान सम्मान निधि के दायरे में हैं लेकिन रबी और खरीफ फसल का बीमा केवल 4342 किसानों ने ही कराया है।

प्राकृतिक आपदा या अन्य किसी वजह से औसत से कम उत्पादन होने पर नुकसान की भरपाई के लिए फसलों का बीमा कराया जाता है। खरीफ, रबी और जायद तीनों सीजन की फसलों के लिए बीमा की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन किसान अपनी फसल के बीमा के लिए जागरूक नहीं है। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार जनपद में करीब 1.23 लाख किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए रजिस्टर्ड हैं। इनमें से करीब 75 हजार किसान गन्ना उत्पादक हैं। गन्ने की फसल बीमा के दायरे से बाहर है। करीब 50 हजार किसान अन्य फसलें भी बोते हैं, लेकिन इनमें से खरीफ फसल का बीमा सिर्फ 1912 और रबी फसल का बीमा केवल 2430 किसान ही कराते हैं।

इसलिए बीमा के दायरे से बाहर हुआ गन्ना

दो साल पूर्व तक गन्ने की फसल भी बीमा के दायरे में आती थी, लेकिन किसान बीमा नहीं कराते थे। किसान क्रेडिट कार्ड से यदि बैंक द्वारा बीमा प्रीमियम काट लिया जाता तो किसान खूब हल्ला काटते थे, इसी वजह से सरकार ने गन्ने को फसल बीमा के दायरे से ही बाहर कर दिया था।

- प्रीमियम और क्षतिपूर्ति क्लेम की स्थिति

गेहूं की फसल का बीमा कराने पर किसान को प्रति हेक्टेयर 660.75 रुपये बीमा प्रीमियम देना होगा। प्राकृतिक आपदा या क्राप कटिंग के उत्पादन आंकड़ों से कम उत्पादन होने पर भी बीमा का क्लेम मिलेगा। ये क्लेम 69,158 रुपये प्रति हेक्टेयर होगा। इसी तरह सरसों की फसल का बीमा प्रीमियम 660.74 रुपये प्रति हेक्टेयर है। नुकसान होने पर प्रति हेक्टेयर 44050 रुपये क्लेम मिलेगा।

कोट

किसानों को फसल बीमा अवश्य कराना चाहिए। क्योंकि इसमें प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की तो भरपाई होती है साथ ही क्राप कटिंग के आंकड़ों से प्रति हेक्टेयर कम उत्पादन होने पर भी क्लेम मिलता है। बीते साल जिले में 41 किसानों को कुल 85,346 रुपये का भुगतान बीमा कंपनी द्वारा किया गया। इनकी फसल औसत उत्पादन से कम हुई थी।

Source: Amar Ujala