18-05-2020

चीन में कोरोना के कारण मानव अंगों को होने वाले नुकसान भी स्वास्थ्य बीमा के दायरे में

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18-05-2020
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चीन में कोरोना के कारण मानव अंगों को होने वाले नुकसान भी स्वास्थ्य बीमा के दायरे में

कोरोना वायरस को लेकर अबतक हुए शोधों में यह बात सामने आ चुकी है कि यह केवल इंसान के फेफड़े के अलावा अन्य अंगों को भी बुरी तरह प्रभावित करता है। कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के आंतों, हृदय, नसों और तंत्रिका तंत्र आदि को भी नुकसान पहुंचाता है।

इसको देखते हुए चीन में स्वास्थ्य प्राधिकरण ने चिकित्सा बीमा कवरेज का विस्तार करते हुए इन नुकसानों को भी शामिल किया है। यानी आंतरिक अंगों को इस वायरस से पहुंचने वाले नुकसान भी चिकित्सा बीमा कवरेज के दायरे में आएंगे।

चीन में एनएचसी यानी राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने इस संबंध में जारी दिशानिर्देश में कहा है कि कोरोना संक्रमण से जूझ रहे और इससे उबरे लोगों को फेफड़े और हृदय में हुए नुकसान के इलाज की आवश्यकता होगी। साथ ही मांसपेशियों को पहुंचे नुकसान और कोरोना के कारण पैदा हुए मनोवैज्ञानिक रोगों के भी उपचार की आवश्यकता होगी। ऐसे में ये उपचार स्वास्थ्य बीमा के दायरे में होंगे। सरकारी दिशानिर्देश के मुताबिक, कोरोना वायरस के कारण शरीर के अंगों को पहुंचने वाले इन नुकसानों को भी कैंसर, ब्रेन स्ट्रोक, हृदय रोगों की तरह जीर्ण रोगों में शामिल किया गया है, ताकि लोग चिकित्सा बीमा के तहत इलाज में होने वाले खर्च के लिए मेडिक्लेम यानी दावा कर सके।

हांगकांग की साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने एनएचसी के दिशानिर्देशों के हवाले से यह रिपोर्ट दी है। मालूम हो कि बड़ी संख्या में अस्पताल से ठीक हए कोरोना मरीजों के पुनर्वास की जरूरतें प्रमुख हो गई है। उनकी जिंदगी को पटरी पर लाना सरकार की प्राथमिकता है।

चीन में सरकार ने कोरोना संक्रमण के विरुद्ध 23 जनवरी से स्वास्थ्य अभियान शुरू किया था और तब से शनिवार तक 78 हजार से ज्यादा लोग इस बीमारी से उबर चुके हैं। मालूम हो कि पिछले साल दिसंबर में वुहान से फैले कोरोना वायरस से दुनियाभर में अबतक 3.13 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कोरोना संक्रमितों की संख्या 47.4 लाख पार कर चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना से संक्रमित अधिकांश लोग, खासकर हल्के और मध्यम लक्षणों वाले संक्रमित लंबे इलाज के बिना भी ठीक हो सकते हैं। लेकिन गंभीर लक्षणों वाले संक्रमित मरीजों के अंगों को ज्यादा नुकसान पहुंच सकता है, जिसे पूरी तरह ठीक होने में लंबा समय लग सकता है।

एनएचसी ने कहा है कि कुछ कोरोना के मरीजों में हृदय संबंधी गंभीर समस्या हो सकती है। इसका कारण वायरस भी हो सकते हैं या फिर लंबे समय तक बेड रेस्ट के कारण भी समस्या बढ़ सकती है। एनएचएस के दिशानिर्देश के मुताबिक मेडिक्लेम कवरेज में अंग विकारों को तो शामिल किया ही गया है, कोरोना के कारण उत्पन्न संभावित मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को भी शामिल किया गया है। इनमें अवसाद, अनिद्रा आदि शामिल हैं।

इसके अलावा मांसपेशियों में आए विकारों के कारण अंगों की कार्यक्षमता में कमी भी इसके दायरे में होंगे। मालूम हो कि चीन में 90 फीसदी से ज्यादा लोगों के स्वास्थ्य बीमा का दावा किया जाता है। हालांकि गरीबों के लिए यह महंगा है।

Source: Amar Ujala

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