कोरोना का खौफ, हेल्थ इंश्योरेंस की ओर बढ़ा लोगों का रुझान
कपूरथला : कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप की वजह से इन दिनों लोग हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर बेहद सजग व संजीदा हो गए हैं। कोरोना के मद्देनजर हेल्थ इंश्योरेंस के प्रति लोगों का रुझान बहुत ज्यादा बढ़ गया है, जिससे इंश्योरेंस कंपनियां भी भुनाने में लगी है। हालांकि कोरोना को लेकर मार्केट में कई नई पॉलिसी नहीं आई है लेकिन हेल्थ को पैदा हुए संकट की वजह से पुरानी पॉलिसियों को बहुत ज्यादा साजगार माना जा रहा है। आज भी अधिकांश लोगों का सरकार की एलआइसी पर ही सबसे ज्यादा भरोसा कायम है, जिसके चलते जीवन अरोग्य, जीवन लक्ष्य एवं कैंसर केयर के प्रति रुझान पहले से दोगुना व तीन गुणा हो गया है। जीवन अरोग्य पॉलिसी तहत 28 लोग कलेम ले चुके है। अभी कोई केस पेंडिग नहीं है और डॉक्टर की कोरोना पॉजिटिव रिर्पोट के बाद दो तीन दिन में कलेम मिल रहा है पर केस का रेगुलर होना जरुरी है। काफी लोग ऑनलाइन भी हेल्थ इंश्योरेंस ले रहे हैं लेकिन आज भी लोग एजेंट से पूरी तरह पॉलिसी को समझ व ठोक बजा कर पॉलिसी लेने को तरजीह दे रहे है। पत्नी व बच्चों के लिए पॉलिसी ले रही युवा
हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर की विभिन्न पॉलिसियों को सबसे अधिक 18 से 65 साल के आयु वर्ग के लोग ज्यादा ले रहे है और इस वर्ग के बीच भी सर्वाधिक 30 से 35 साल के युवा अपनी पत्नी एवं बच्चों के लिए जीवन आरोग्या पॉलिसी ले रहे हैं, जिसमें वह अपने माता-पिता को भी कवर कर रहे है। एचसीबी पॉलिसी की ओर लोगों का ज्यादा रुझान
एलआइसी के चीफ आर्गेनाइजर सुखविदर मोहन सिंह ने दैनिक जागरण को बताया कि इसमें एचसीबी (अस्पताल केयर बैनीफिट) लोग ज्यादा ले रहे है, इस पॉलिसी में अस्पताल जाने पर 1000, 2000 व 3000 रुपये रोजाना मिलता है। उन्होंने बताया कि यह पॉलिसी पहले एक माह में 10-12 होती थी वह अब 24-25 हर महीने होने लगेगी। एमएसबी (मेजर सर्जीकल बैनीफिट) भी लोग बहुत ले रहे हैं। इस पॉलिसी में एक, दो, तीन व चार लाख मिलता है और इस पॉलिसी के प्रति सबसे ज्यादा 30 से 65 वर्ष के लोग लेते है। एलआइसी की तरफ से 289 मेजर व माइनर सर्जरी कवर करती है। उन्होंने बताया कि इनके अतिरिक्त एक्सिडेंटल बैनीफिट राइटर व एक्सिडेंटल ट्रम राइटर दोनों इसमें कवर हो जाते है, जिसमें जोखिम को कवर किया जाता है लेकिन इस पॉलिसी में न लोन होता है, न सरेंडर होती है और न ही मैच्योरिटी होती है। इसमें साल अथवा छह माह बाद किशत देनी जरुरी होती है। लॉकडाउन के कारण जीवन शांति प्लान में भी बढ़ी रुचि
लॉकडाउन के बीच रोजगार पर संकट के चलते लोगों का जीवन शांति प्लान में भी बेहद रुचि बढ़ी है। सुखविदर मोहन सिंह ने बताया कि यह पेंशन प्लान है, जिसके प्रति लोगों का पहले से करीब ढ़ाई गुना रुझान बढ़ा है। उन्होंने बताया कि पहले लोग एक माह में 3-4 पॉलिसी करवाते थे लेकिन अब 10-12 एवरेज लेने लगे हैं। उन्होंने बताया कि अब लोग प्रापर्टी में पैसा लगाने की बजाए जीवन शांति प्लान को ज्याद तरजीह देने लगे हैं। इस पॉलिसी को लोग अपना भविष्य सुरक्षित करने के लिए ले रहे हैं ताकि संकट की घड़ी में उन्हें प्रति माह अच्छी पेंशन मिलती रहे।
Source: Jagran