नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा है कि वह सड़क दुर्घटना पीड़ितों (Accidental Insurance) के लिए कैशलैस इलाज की योजना को लागू करने के ब्लूप्रिंट के साथ तैयार है. राज्यों के परिवहन सचिव और कमिश्नरों को भेजी गई सूचना के मुताबिक, स्कीम में प्रति केस पर 2.5 लाख रुपये की इंश्योरेंस कवरेज सीमा होगी. इस योजना का महत्व है क्योंकि भारत में सालाना लगभग 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जो दुनिया में सबसे अधिक में से एक है. इनमें लगभग 1.5 लाख लोगों की मौत और 2 लाख लोग दिव्यांग हो जाते हैं.
बनेगा मोटर व्हीकल एक्सिडेंट फंड
मंत्रालय ने बताया कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर दुर्घटना पीड़ितों के कैशलैस इलाज की योजना को लागू करने के लिए ब्लूप्रिंट तैयार किया है, जिसे मोटर व्हीकल एक्ट, 2019 में शामिल किया गया था. इसमें इस संकट के समय में पीड़ितों का इलाज शामिल है. इस संबंध में परिवहन मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव और परिवहन के इंचार्ज वाले सचिवों को लिखकर इस महीने की 10 तारीख तक इस योजना के कॉन्सेप्ट नोट पर विचार मांगे हैं. इस योजना में एक मोटर व्हीकल एक्सिडेंट फंड को बनाना भी शामिल है.
लक्ष्य सड़क को इस्तेमाल करने वाले लोगों को अनिवार्य बीमा कवर उपलब्ध कराना
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के पीएम जन आरोग्य योजना के लिए नोडल एजेंसी और पूरे देश में 21,000 से ज्यादा अस्पताल होने के कारण उसे योजना को लागू करने का काम सौंपा गया है. मंत्रालय ने आगे कहा कि योजना का मकसद देश में सभी सड़क को इस्तेमाल करने वाले लोगों को अनिवार्य बीमा कवर उपलब्ध कराना है.
सही समय पर क्वालिटी हेल्थ केयर की सुविधा देने के लिए शुरू की जारी है ये योजना
फंड का इस्तेमाल सड़क दुर्घटना पीड़ितों के इलाज और घायलों या हिट एंड रन केस में जीवन गंवाने वाले व्यक्ति के परिवार को मुआवजे के भुगतान के लिए होगा. इस योजना को ऐसे तैयार किया गया है कि इससे सभी लोगों को सही समय पर क्वालिटी हेल्थ केयर की सुविधा मिलती है, जिसमें उनके भुगतान करने की क्षमता को नहीं देखा जाता.
Source: News 18