03-08-2020

Coronavirus Health Insurance: सावधान, एडमिट होने से पहले जान लीजिए टर्म एंड कंडीशंस

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03-08-2020
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Coronavirus Health Insurance: सावधान, एडमिट होने से पहले जान लीजिए टर्म एंड कंडीशंस

PRAYAGRAJ: शहर में कोरोना के इलाज की प्राइवेट सुविधा स्टार्ट होंगी तो निश्चित है कि इंश्योरेंस पॉलिसी की भी जरूरत होगी। तमाम इंश्योरेंस कंपनियां कोविड ट्रीटमेंट को कवर करने का दावा भी कर रही हैं। लेकिन असलियत इससे कहीं अलग है। अगर आप हेल्थ इंश्योरेंस या कोविड पॉलिसी लेने जा रहे हैं तो नियम और शर्तो के बारे में अच्छे से पता कर लें। नियम और शर्तो के बारे में भी अच्छे से जान लें। साथ ही यह भी देख लें कि पॉलिसी के तहत शहर के कितने हॉस्पिटल पैनल में शामिल हैं।

बीते कुछ वर्षो में हेल्थ इंश्योरेंस पर लोगों का यकीन काफी ज्यादा बढ़ा है। बीमा पॉलिसी लेने के बाद समय पर उसका प्रीमियम भरते हैं। लेकिन कोविड संक्रमण काल में लोगों को बेहतर इलाज की चिंता होने लगी है। इसको देखते हुए इंश्योरेंस कंपनियों ने केवल कोविड को लेकर पॉलिसी लांच कर दी हैं। छह से लेकर नौ माह तक की इन पॉलिसी को वन टाइम प्रीमियम में लिया जा रहा है। इसकी कीमत 2.5 से 5 हजार रुपए तक है। यह 3 से 5 लाख रुपए तक ट्रीटमेंट कॉस्ट कवर करती हैं।

क्या है कंपनी की कोविड पॉलिसी

बता दें कि अभी तक इंश्योरेंस कंपनियों की प्रयागराज जैसे शहरों में कोविड पॉलिसी क्लीयर नहीं हो सकी है। इसका मेन रीजन यह है कि झलवा स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल्स को हाल ही में इलाज की परमिशन मिली है। यह हॉस्पिटल कुछ ही वक्त पहले अस्तित्व में आया है। इसलिए वह इंश्योरेंस कंपनियों के पैनल में भी शामिल नहीं है। ऐसे में वहां पर केवल एडवांस लेकर ही इलाज किया जा रहा है। हालांकि कई कंपनियां अपने करार को लेकर हॉस्पिटल के चक्कर काट रही हैं।

हमें श्योर करें तो लेंगे इंश्योर्ड मरीज

शहर के कई प्राइवेट हॉस्पिटल्स कोविड ट्रीटमेंट की परमिशन के लिए लगे हैं। यह हॉस्पिटल्स तमाम इंश्योरेंस कंपनियों के पैनल में भी शामिल हैं। लेकिन कोविड ट्रीटमेंट को लेकर उनका रुख स्पष्ट नहीं है। बातचीत में हॉस्पिटल संचालकों का कहना है कि अभी तक इंश्योरेंस कंपनियों ने हमसे संपर्क नहीं किया है। अगर वह श्योर करेंगी तो इंश्योर्ड मरीजों को भर्ती किया जाएगा।

बचा है री-एम्बर्समेंट का रास्ता

इंश्योरेंस कंपनियां भी कोविड ट्रीटमेंट को लेकर बहुत क्लीयर नहीं है। एक रास्ता जरूर पॉलिसी होल्डर्स के लिए खुला है कि पहले वह कैश देकर इलाज कराएं। बाद में अपना री-एम्बर्समेंट करा लें। इसको लेकर कुछ इंश्योरेंस कंपनियां ओके भी कर रही हैं। उनका कहना है कि कुछ परसेंट की कटौती करने के बाद इलाज का खर्च री-एम्बर्स कर दिया जाएगा।

 शहर के नए हॉस्पिटल को कोरेाना ट्रीटमेंट की परमिशन दी गई है। अभी वह इंश्योरेंस कंपनियों के पैनल में शामिल नहीं है। हम कोशिश कर रहे हैं कि उनसे टाईअप हो जाए। इसके बाद हेल्थ इंश्योरेंस होल्डर्स को इलाज की सुविधा मिल जाएगी। शहर के तमाम बड़े हॉस्पिटल्स पैनल में शामिल हैं। उनको कोविड के तहत कवर किया गया है।

-दिप्तेश मोहन, मार्केटिंग मैनेजर, पीएनबी मेन ब्रांच

इस बारे में हेड ऑफिस से संपर्क किया जा रहा है। वहां से पता चलेगा कि किन शर्तो के तहत पॉलिसी होल्डर्स को प्राइवेट हॉस्पिटल में कोविड ट्रीटमेंट की सुविधा मिलेगी। प्रयागराज में शुरुआत है इसलिए सिचुऐशन क्लीयर होने में थोड़ा समय लगेगा।

-देवेंद्र सिंह, यूनिवर्सिल सोम्पो

हॉस्पिटल संचालकों को इंश्योरेंस कंपनियां श्योर कर दें तो कि वह पेमेंट करेंगी तो हम पॉलिसी होल्डर मरीजों का इलाज बिल्कुल करेंगे। हॉस्पिटल्स केवल अपने पेमेंट को लेकर सावधानी बरत रहे हैं।

Source: Inextlive

http://insurancealerts.in/MasterPage/MediaView/18911