इरडा वाहन बीमा उद्योग में घाटे पर अंकुश लगाने को विशेष कंपनी के गठन पर कर रहा विचार
नयी दिल्ली: बीमा नियामक इरडा साधारण बीमा उद्योग में घाटे को रोकने और उसे कम-से-कम करने के लिये लाभ न लेने वाली कंपनी गठित करने पर विचार कर रहा है। कंपनी को अन्य बातों के अलावा वाहन मरम्मत की लागत के मानकी करण के लिये एक गैराज नेटवर्क मास्टर गठित करने की जिम्मेदारी दी जा सकती है। कार्य समूह की रिपोर्ट के अनुसार यह कंपनी का गठन भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) और बीमा उद्योग संयुक्त रूप से करेंगे। कंपनी का प्रयास होगा कि साधारण बीमा के क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ावा मिले और घाटे पर अंकुश लगे। इस रिपोर्ट पर लोगों से चार सितंबर तक अपनी राय देने को कह गया है। कंपनी के पास अन्य बातों के अलावा बीमा के नजरिये से विभिन्न कामों के मानक तय करने की जिम्मेदारी होगी। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘कंपनी प्रत्येक मॉडल के वाहनों के कल-पुर्जों को ठीक करने के शुल्क को लेकर दिशानिर्देश ला सकती है। इससे उद्योग में एक मानकीकृत व्यवस्था स्थापित हो सकेगी।
विनिर्माताओं के लिये इसका पालन करने को लेकर एक पारदर्शी तंत्र विकसित करने हेतु सभी हितधारकों के परामर्श से किया जाएगा।’’ यह कार्य गैराज नेटवर्क मास्टर तैयार करके किया जा सकता है। यह प्रत्येक कल-पुर्जों, हिस्सों की मरम्मत के संदर्भ में औसत लागतों को सारणीबद्ध करेगा। साथ ही मरम्मत के क्रम में औसत पेंटिंग को सारणीबद्ध करेगा और यह भी निर्धारित करेगा कि प्रत्येक प्रकार की मरम्मत को ठीक करने में कितना समय लगना चाहिए। उद्योग इन आंकड़ों के आधार पर बेहतर तरीके से तुलना कर सकता है और निर्णय कर सकता है। रिपोर्ट में संदिग्ध गैराज को काली सूची में डालने का भी प्रस्ताव है। नियामक ने साधारण बीमा उद्योग में घाटे पर अंकुश लगाने और विभिन्न पक्षों के बीच बेहतर तालमेल बनाने के बारे में सुझाव देने को लेकर कार्य समूह का गठन किया था। कार्य समूह को मौजूदा स्थिति का अध्ययन कर रिपोर्ट देने को कहा गया था।