एलआईसी के आईपीओ के लिए सरकार लेगी डेलॉयट, एसबीआई कैप की मदद
भारत सरकार देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी एलआईसी का आईपीओ लाने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है और इसके लिए डेलॉयट और एसबीआई कैपिटल मार्केट को शुरुआती शेयर सेल की तैयारी के लिए नियुक्त किया जा सकता है. इस मामले से जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी है.
सलाहकार के रूप में नियुक्त होने वाली दोनों कंपनियां भारत की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी एलआईसी के कैपिटल स्ट्रक्चर का आंकलन करेगी और इसके वित्तीय स्टेटमेंट तैयार करने में मदद करेगी. जून में जारी एक टेंडर दस्तावेज में यह जानकारी दी गई थी. भारत सरकार जल्द ही एलआईसी की संपत्तियों का आकलन करने के लिए बोली मंगाने जा रही है.
यदि इस साल शेयर बाजार में एलआईसी की लिस्टिंग होती है तो यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है. आने वाले दिनों में इतने बड़े आईपीओ के रूप में केवल रिलायंस जियो या रिलायंस रिटेल की संभावना दिख रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार देश की सबसे बड़ी देश के सबसे बड़े आईपीओ को के लिए पूरी तरह तैयार है. सरकार को वास्तव में बजट घाटा कम करने के लिए भी सार्वजनिक कंपनियों के विनिवेश की जरूरत है. कोरोनावायरस महामारी की वजह से देश में आर्थिक गतिविधियां ठप है और इस वजह से भी सरकार एलआईसी का आईपीओ जल्द लाने की कोशिश कर सकती है.
सरकार देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी को अगले साल जनवरी से मार्च के दौरान घरेलू बाजार पर लिस्ट कराना चाहती है. वित्त मंत्रालय ने इस साल के लिए 2.10 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य रखा है, जिमसें एलआईसी के आईपीओ की भूमिका अहम होगी.
वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसका ऐलान किया था. एलआईसी पर पूरी तरह सरकार का मालिकाना अधिकार है. उन्होंने कहा था, "लिस्टिंग के जरिए कंपनी की वैल्यू अनलॉक होगी और सरकार रिटेल निवेशकों को भी इसका हिस्सेदार बनाना चाहती है."
Source: The Economic Times