24-08-2020

LIC: इसके एजेंटों की संख्या मॉरीशस की कुल आबादी के बराबर, तो कारोबार क्या होगा?

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24-08-2020
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LIC: इसके एजेंटों की संख्या मॉरीशस की कुल आबादी के बराबर, तो कारोबार क्या होगा?

जीवन बीमा क्षेत्र की सबसे बड़ी और सरकारी कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की शेयर बाजारों (Share Market) में लिस्टिंग (Listing) की तैयारी है। माना जा रहा है कि इस कंपनी का IPO इसी वित्त वर्ष में जाएगा। यदि यह इस साल मार्केट में हिट किया तो यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। साथ ही आनेवाले निकट समय में इतने बड़े आईपीओ के रूप में केवल जियो (Reliance Jio) या रिलायंस रिटेल (Reliance Retail) की संभावना दिख रही है। ऐसे में सभी की निगाहें इसके आईपीओ पर हैं।

एलआईसी के एजेंट इसकी पूंजी

आप चाहे श्रीनगर या लेह-लद्दाख चले जाएं, या पूर्वोत्तर के किसी भी राज्य में। एलआईसी के एजेंट आपको हर जगह दिख जाएंगे। यहां तक कि गांव-गांव में इसके एजेंट फैले हैं। तभी तो कहा जाता है कि आपको किसी गांव में डाकघर दिखे न दिखे, एलआईसी के एजेंट जरूर दिखेंगे। यदि इसके एजेंट की संख्या देखें तो अभी करीब 12 लाख है जो कि मॉरीशस की आबादी के बराबर है।

बहुत बड़ा निवेशक भी है एलआईसी

एलआईसी अपने पॉलिसी होल्डरों से जो प्रीमियम लेती है, उसका स्मार्टली इंवेस्टमेंट (Smart Investment) किया जाता है। इसलिए एलआईसी को बहुत बड़ा निवेशक भी कहा जाता है। सिर्फ म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) को देखें तो इस समय देश के म्यूचुअल फंड में 45 कंपनियों का जितना एयूएम (Asset Under Management) है, उतना एलआईसी का निवेश है। एलआईसी का कुल निवेश 29,19,478 करोड़ रुपए है, जबकि देश में कुल 45 म्यूचुअल फंड का एयूएम (AUM) इससे कम, 27.28 लाख करोड़ रुपए है।

प्रीमियम 4 लाख करोड़ के करीब

एलआईसी की सालाना रिपोर्ट से पता चलता है कि कैलेंडर वर्ष 2019 में इसका कुल प्रीमियम 3,79,400 करोड़ रुपए रहा है। कनाडा के पूरे जीवन बीमा सेक्टर का प्रीमियम देखें तो 3.70 लाख करोड़ रुपए का है। इसी तरह भारत में कुल निजी जीवन बीमा कंपनियों की जारी की गई पॉलिसी की संख्या 70 लाख है जबकि एलआईसी की जारी की गई पॉलिसी की संख्या 2.19 करोड़ है।

शाखाओं की संख्या 6,500

एलआईसी की कुल शाखाओं की संख्या 6,500 है जबकि देश में निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी की शाखाओं की संख्या 5,416 है। एलआईसी में सरकार 10 फीसदी की हिस्सेदारी बेचना चाहती है और इससे सरकार को करीबन 80 हजार करोड़ रुपए मिलने की संभावना है। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ बनने की क्षमता रखता है।

सबसे बड़ी लिस्टिंग होगी

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेस के चेयरमैन मोतीलाल ओसवाल कहते हैं कि एलआईसी की लिस्टिंग (Listing of LIC) भारत में अब तक की सबसे बड़ी लिस्टिंग होगी। इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन रिलायंस इंडस्ट्रीज,एचडीएफसी बैंक, टीसीएस जैसी कंपनियों से आगे निकल सकता है। इसके वर्तमान असेट अंडर मैनेजमेंट और बिजनेस प्रीमियम के आधार पर देखें तो इसका वैल्यूएशन 8-10 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा होगा।

वैश्विक बाजारों में भी होगा एलआईसी की लिस्टिंग का असर

ओसवाल का कहना है कि एलआईसी की लिस्टिंग से वैश्विक इक्विटी बाजारों में देश के स्टॉक बाजार का बड़े पैमाने पर वेटेज बदल सकता है। सरकार इस आईपीओ में बड़े पैमाने पर रिटेल निवेशकों की भागीदारी देख सकती है। यह कर्मचारियों और यूनिट होल्डर्स को शेयर जारी करेगी। यह शेयर डिस्काउंट पर होगा और इसकी वजह से नए निवेशक बाजार में आएंगे। इससे अनुमान है कि 20 करोड़ नए डीमैट खाते खुल सकते हैं। इसके पास करीबन सवा लाख कर्मचारी हैं। इसकी कुल 32 करोड़ पॉलिसी है। इससे यह पता चलता है कि इसके आईपीओ से कम से कम 4 करोड़ रिटेल डीमैट खाते बढ़ सकते हैं।

रिटेल को मिल सकता है 25 हजार करोड़ का हिस्सा

अब तक के सबसे बड़े आईपीओ में अगर हम कोल इंडिया के आईपीओ को देखें तो इसमें रिटेल का हिस्सा 2.1 गुना भरा था। यह 15 हजार करोड़ रुपये का आईपीओ था। एलआईसी 80 हजार करोड़ रुपए जुटाएगी और इसको 35 प्रतिशत रिटेल का हिस्सा माने तो करीबन 25 से 28 हजार करोड़ रिटेल के हिस्से में जाएगा। यह कोल इंडिया के आईपीओ के रिटेल हिस्से से ढाई गुना ज्यादा होगा। 31 लाख करोड़ रुपए की असेट्स वाली एलआईसी की बाजार हिस्सेदारी 75 प्रतिशत पॉलिसी के मामले में है। फर्स्ट ईयर प्रीमियम में इसकी 66 प्रतिशत हिस्सेदारी है।एलआईसी देश में सबसे बड़ी संस्थागत निवेशक कंपनी भी है। लिस्टिंग के बाद देश में एलआईसी सबसे मूल्यवान लिस्टेड कंपनी होगी। इसके जरिए विदेशी निवेशक भी आकर्षित होंगे।

Source: Navbharat times

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