2017 में लॉन्च हुए दो सरकारी बीमा कंपनियों के IPO के दाम आज 77.5% तक घट गए, LIC का क्या होगा?
भारत की सबसे बड़ी सरकारी कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का IPO आने वाला है। जब कंपनी के शेयर पहली बार जनता के लिए जारी होते हैं तो उसे इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) कहते हैं। फिर एक्सचेंज पर यही शेयर लिस्ट होते हैं। IPO की लॉन्चिंग वाले दिन जो कीमत होती है, लिस्टिंग के दिन बाजार के हिसाब से वो बदल जाती है। 2020 का ट्रेंड देखें तो निवेशकों को IPO लिस्टिंग के दिन औसतन 35.61% का रिटर्न मिला है। यानी अगर किसी ने IPO पर 100 रुपए डाले तो लिस्टिंग वाले दिन उसके पैसे 135.61 रुपए हो गए।
निवेशकों को LIC से भी बड़ी उम्मीदें हैं। 32 लाख करोड़ संपत्ति वाली LIC के IPO के बारे में एक्सपर्ट्स का मानना है कि लिस्टिंग वाले दिन अच्छा रिटर्न मिलेगा। जो लोग पहली बार शेयर बाजार में पैसे लगा रहे हैं, उनके लिए ये सबसे बेहतर मौकों में एक होगा, लेकिन इसी बीच इंश्योरेंस सेक्टर की दो सरकारी कंपनियां चर्चा में आ गई हैं। पहली जनरल इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (GIC) और दूसरी न्यू इंडिया एश्योरेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NIA)।
सरकारी बीमा कंपनियों के IPO लॉन्च हुए 855-900 रुपए में, आज शेयर की कीमत 185 रुपए
चार साल पहले 2017 में सरकार दो बीमा कंपनियों का IPO लेकर आई। NIA के IPO की लॉन्चिंग प्राइस 855-900 रुपए थी, लेकिन इस कंपनी के शेयर के दाम 185 रुपए हैं। अगर किसी ने चार साल पहले इस सरकारी बीमा कंपनी के IPO पर पैसे लगाए होते तो उसके पैसे 79.5% घट गए होते। इसी तरह GIC के IPO की लॉन्चिंग प्राइस 770-800 रुपए थी। आज इसके शेयर के दाम 200 रुपए हैं। शेयर के दाम 75.6% कम हो गए हैं। इसी को देखते हुए कुछ एक्सपर्ट्स डरा रहे हैं कि निवेशकों को अति उत्साह में कदम नहीं उठाना चाहिए। लेकिन इन कंपनियों की हालत से सच में डरने की जरूरत है?
LIC और पहले ही IPO ला चुकीं दोनों सरकारी कंपनियों में फर्क क्या है?
GIC महज 11.6 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति वाली कंपनी है। इसमें महज 567 कर्मचारी काम करते हैं। यह दुनिया के कई देशों में घर का बीमा, आतंकी हमले के रिस्क का बीमा, भूकंप आने से होने वाले नुकसान की भरपाई वाला बीमा, परमाणु हमले से होने वाले नुकसान की भरपाई वाला बीमा करती है। शेयर बाजार में शेयर के दाम आमतौर पर निवेशक कंपनी के मुनाफे, फ्यूचर प्रोजेक्ट्स, वर्किंग मॉडल के आधार पर घटते-बढ़ते हैं। इस कंपनी का बिजनेस मॉडल ऐसा है कि इसमें अधिक लोगों का रुझान नहीं होता। इसलिए निवेशकों में ज्यादा उत्साह नहीं होता।
न्यू इंडिया एश्योरेंस कुल 74.6 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति वाली कंपनी है। इसमें कुल 16,506 कर्मचारी काम करते हैं। यह खास तौर पर जनरल इंश्योरेंस, गाड़ी इंश्योरेंस, हेल्थ इंश्योरेंस, मरीन इंश्योरेंस, प्रॉपर्टी इंश्योरेंस और एविएशन इंश्योरेंस करती है। इस बीमा कंपनी के शेयर इसकी पॉलिसी के चलते ज्यादा नहीं बढ़ते। इसमें क्लेम बहुत ज्यादा होता है। दरअसल, गाड़ियों का जमकर एक्सीडेंट होता है, हर एक्सीडेंट पर लोग क्लेम कर देते हैं। इसके अलावा लोग तेजी से इंश्योरेंस कंपनी बदलते भी हैं, जबकि LIC जैसी कंपनी में लोग 15-20 साल तक जुड़े रहते हैं। इसीलिए निवेशकों को इस कंपनी पर कम ही भरोसा होता है।
LIC जीवन बीमा करती है। इसकी संपत्ति 32 लाख करोड़ बताई जा रही है। इसकी 30 करोड़ से ज्यादा पॉलिसी लोगों ने ले रखी है। इसमें एक लाख 14 हजार कर्मचारी काम करते हैं। यह प्रमुख रूप से लाइफ इंश्योरेंस, हेल्थ इंश्योरेंस, इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट और म्यूचुअल फंड में काम करती है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में काम करने वाले एक सूत्र ने बताया कि LIC करीब 10 हजार करोड़ रुपए का IPO लाने वाली है। इसके लिए अभी से डीमैट एकाउंट खुलने शुरू हो चुके हैं। हमें उम्मीद है कि इसके IPO के आने पर 1 रुपए के दावेदार 200 से ज्यादा निवेशक हो सकते हैं। हमें उम्मीद है लोग IPO के दौरान ढाई लाख करोड़ रुपए लगाएंगे। संपत्ति, पॉलिसी धारक और कर्मचारियों को देखते हुए ऐसा तो बिल्कुल नहीं लगता कि कंपनी के शेयर के दाम कम होंगे। यह बहुत ही सुरक्षित निवेश होने जा रहा है।
कोविड-19 महामारी के दौरान कैसी रही है LIC की परफॉर्मेंस?
सितंबर, 2020 तक के आंकड़ों के मुताबिक LIC का इंश्योरेंस पॉलिसी के मामले में मार्केट शेयर 68% था और फर्स्ट इयर प्रीमियम (यानी नई पॉलिसी लेने) के मामले में इसका प्रतिशत 70% था। सितंबर से पहले LIC ने एक कॉन्ट्रैरियन इनवेस्टर की तरह निवेश किया था। यह एक ऐसा निवेशक होता है जो मार्केट की भावना के विरुद्ध निवेश करता है। यानी जब मार्केट में सभी खरीद रहे होते हैं तो वह बेच रहा होता है और जब सभी बेच रहे होते हैं, तब वह खरीद रहा होता है।
सितंबर, 2020 के आंकड़ों के मुताबिक LIC ने ऋण और इक्विटी में 2.6 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया। पिछले साल इसी दौर में LIC ने 2.4 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया था। इसके बाद LIC सितंबर तक कैपिटल मार्केट में 15 हजार करोड़ का प्रॉफिट बुक कर चुकी थी। इसके अलावा LIC ने फर्स्ट इयर प्रीमियम (यानी नई पॉलिसी में) के तौर पर इस साल के 6 महीनों में 25 हजार करोड़ रुपए कमाए, जबकि पिछले साल इसी दौर में कॉरपोरेशन ने 24.86 हजार करोड़ रुपए कमाए थे। यानी कोरोना वायरस महामारी के दौरान भी LIC घाटे में नहीं रही। इसी दौरान LIC ने 82 लाख इंश्योरेंस क्लेम करने वालों को 48,000 करोड़ रुपए की रकम अदा भी की। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये कंपनी शेयर बाजार में भी नए रिकॉर्ड्स बना सकती है।
कब तक आ सकता है LIC का IPO?
इस वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही यानी अक्टूबर से दिसंबर के बीच LIC का IPO मार्केट में आने की उम्मीद है। अर्थव्यवस्था वापसी की राह पर है और स्टॉक मार्केट भी अच्छी हालत में है। इसलिए LIC के IPO की राहें और आसान हो गई हैं। सरकार ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि जारी किए जाने वाले IPO में से 10% को LIC के ग्राहकों के लिए रिजर्व रखा जाएगा। ऐसे में करीब लाखों नए डीमैट एकाउंट खुलने और शेयर मार्केट में और ज्यादा तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है।
LIC के IPO की राहें आसान करने के लिए सेबी ने क्या किया है?
फिलहाल 4 हजार करोड़ के मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनी को कम से कम 10% शेयर लोगों के लिए जारी करने पड़ते हैं और IPO जारी करने के 3 सालों के अंदर कंपनी को कम से कम 25% की पब्लिक शेयरहोल्डिंग करनी पड़ती है।
अब सेबी ने कहा है कि इससे ज्यादा मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनी 10% के बजाए 5% हिस्सेदारी IPO के जरिए बेच सकती है। साथ ही उसे 25% पब्लिक शेयरहोल्डिंग के लिए भी 3 साल के बजाए 5 साल का समय मिलेगा।
Source: Dainik Bhaskar