23-03-2021

बीमा करने के लिए गांव-गांव जाकर गरीब परिवारों के बीमार लोगों को ढूंढता था सुनील, परिवार को लालच देकर कर देता बीमा

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23-03-2021
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बीमा करने के लिए गांव-गांव जाकर गरीब परिवारों के बीमार लोगों को ढूंढता था सुनील, परिवार को लालच देकर कर देता बीमा

हांसी: कैंसर, टीबी व अन्य बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों के बीमा क्लेम हड़पने वाले गिरोह के मास्टमाइंड सुनील से पुलिस ने पूछताछ में जुटी हुई हैं। पुलिस रिमांड के दौरान इकॉनोमिक सेल की जांच टीम ने अहम जानकारियां जुटाई हैं। एलएलबी की डिग्री धारक सुनील ही ऐसे लोगों को गांव-गांव जाकर ढूंढता था जो किसी लाइलाज बीमारी से ग्रस्त हैं। इसे लोगों के परिवार के सदस्यों को वह पैसों का लालच देता और फर्जी तरीके से बीमा करवा देता।

बता दें कि हांसी पुलिस बीमार व्यक्तियों की दुर्घटना में मौत दिखाकर बीमा क्लेम हड़पने के चार मामलों में जांच कर रही हैं। जिला पुलिस की इकॉनोमिक सेल ने शुक्रवार को इस गिरोह के मास्टरमाइंड सुनील कुमार को गिरफ्तार किया था। सुनील कुमार पर प्रदेश में करीब आठ मुकदमे हैं दर्ज हैं और रोहतक एसटीएफ को भी इसकी तलाश थी। हांसी पुलिस ने आरोपित सुनील कुमार को गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में पेश किया था, जहां से उसका छह दिनों का पुलिस रिमांड मंजूर हुआ था। पुलिस रिमांड के दौरान सुनील कुमार से पूछताछ कर रही है। इस मामले में सिविल अस्पताल का डाक्टर विजय मलिक भी गिरफ्तार किया जा चुका है जो मृतकों को पोस्टमार्टम करते हुए झूठी रिपोर्ट तैयार करता था। पुलिस जांच में पता चला है कि सुनील कुमार ही बीमा करने के लिए लोगों को ढूंढने का काम करता था। वह गांवों में जाकर गरीब परिवारों में बीमार व्यक्तियों के स्वजनों को अपने चंगुल में फंसाता था। उन्हें भरोसे में लेता कि ये काम पूरी तरह से सही है और बीमा क्लेम का एक हिस्सा उन्हें दे दिया जाएगा। गरीब परिवारों के लोग उसके लालच में आकर अपने परिवार के बीमार व्यक्ति का बीमा करवा देते थे। पुलिस के अनुसार रोहतक, झज्जर, राजौद, कैथल, जींद आदि जिलों में ना जाने कितने लोगों के बीमा क्लेम धोखाधड़ी से गिरोह हड़प चुका है। पुलिस के लिए सुनील की गिरफ्तारी काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये पूरे गिरोह का मास्टमाइंड है। सुनील ने एलएलबी की पढ़ाई भी कर रखी है, लेकिन पढ़ाई के बाद अपना रास्ता बदल लिया और धोखाधड़ी से बीमा क्लेम हड़पने के धंधे से जुड़ गया। इस पूरे गिरोह में सदस्यों को सुनील ने ही शामिल किया था। कानूनी पेच अड़चने पर वह संभाल लेता था। जरूरत पड़ने पर वह बतौैर वकील दस्तावजों को सत्यापित कर देता था। इस मामले में सुनील से पूछताछ जारी है और कई अहम खुलासे होने की उम्मीद है।

Source: Jagran