05-05-2021

इरडा तक पहुंचीं कैशलेस इलाज न देने की शिकायतें, इंश्योरेंस कंपनियों को नोटिस

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05-05-2021
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इरडा तक पहुंचीं कैशलेस इलाज न देने की शिकायतें, इंश्योरेंस कंपनियों को नोटिस

कानपुर: कोरोना में तेजी से मरीजों की खराब हो रही स्थिति और अस्पतालों में बेड न मिलने के संकट के बीच तमाम अस्पताल अपने लाभ के लिए कैशलेस व्यवस्था को दरकिनार कर मरीजों को सीधे कैश लेकर भर्ती कर रहे हैं। अपने स्वजन की जान बचाने में जुटे तीमारदार भी ज्यादा विवाद न कर रुपये जमा कर रहे हैं। इस तरह की शिकायतें अब भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) तक पहुंची हैं। इरडा ने सभी जनरल और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को पत्र लिखकर चेताया है कि सर्विस लेवल एग्रीमेंट का उल्लंघन न किया जाए।

कोरोना के दौरान जैसे जैसे मरीजों की संख्या बढ़ी और सरकारी अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड नहीं बचे तो प्रशासन ने नर्सिंग होम को भी कोविड अस्पताल का दर्जा देकर कोरोना मरीजों को भर्ती करने का निर्देश दिया। इस पर अधिकांश निजी अस्पतालों ने कमाई शुरू कर दी। उन्होंने कैशलेस इंश्योरेंस होने के बाद भी सीधे कैश हाथ में आने पर जोर दिया। इसके लिए तीमारदारों से यह कह दिया गया कि कैश जमा किया जाए। कुछ जगह कार्ड स्वीकार तो किए लेकिन पहले 50 हजार से एक लाख रुपये तक जमा करा लिए गए कि जब कंपनी से भुगतान आ जाएगा, यह रकम वापस कर दी जाएगी।

इस तरह की शिकायतें इरडा तक पहुंचीं तो उसने दो अलग-अलग पत्र जारी किए। एक में बताया गया कि इलाज होने के बाद जल्दी भुगतान कराया जाए। दूसरे पत्र में चेताया गया कि अनुबंध के जो ङ्क्षबदु हैं, उनका उल्लंघन अस्पताल न करें। जिनके पास भी कैशलेस इंश्योरेंस की सुविधा है, उन्हें तुरंत इलाज दिया जाए। उनसे नकद राशि न मांगी जाए। उन्होंने यह भी कह दिया कि जो अस्पताल कैशलेस इंश्योरेंस होने के बाद भी यह सुविधा देने से इन्कार कर रहा है, उसके खिलाफ बीमा कंपनियां कार्रवाई करें।

Source: Jagran