Covid Vaccine Registration और Insurance Claim के नाम पर साइबर अपराधी कर रहे फ्रॉड, इस तरह बचें
नई दिल्ली: जिस तरह से हमारे अधिकतर कार्य डिजिटल होते जा रहे हैं, साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) भी तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां तक कि कोविड वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन (Covid Vaccine Registration) को आधार बनाकर भी साइबर अपराधियों ने फ्रॉड करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस के क्लेम और सेटलमेंट को आधार बनाकर भी फ्रॉड हो रहे हैं। ग्राहक थोड़ी सी सावधानी बरतकर इस तरह के फ्रॉड से बच सकते हैं। आइए जानते हैं कि ये फ्रॉड किस तरह से होते हैं और हम इनसे कैसे बच सकते हैं।
कोविड वैक्सीन रजिस्ट्रेशन (Covid Vaccine Registration)
साइबर अपराधी कोविड वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन के लिए या रजिस्ट्रेशन के कंफर्मेशन के लिए कॉल करते है और आधार कार्ड नंबर व OTP मांग कर बैंक से पेमेंट निकाल लेते हैं |
हेल्थ/लाइफ इंश्योरेंस क्लेम (Health/Life Insurance Claim)
साइबर अपराधी किसी भी व्यक्ति के हॉस्पिटल में एडमिट होने या उसकी मृत्यु हो जाने पर बैंक या इंश्योरेंस कंपनी के नाम से कॉल करते है और व्यक्ति का आधार कार्ड, नॉमिनी का नाम, नॉमिनी का आधार कार्ड व OTP मांग कर बैंक से रुपये निकाल लेते हैं। इस स्थिति में कॉल आने पर परिजन बिना सोचे-समझे क्लेम मिलने के नाम से आधार कार्ड और OTP दे देते है।
ग्राहक अगर थोड़ी सी सावधानी बरतें, तो वे इस तरह के फ्रॉड से बच सकते हैं। साइबर एक्सपर्ट और WaySol की सीईओ प्रिया सांखला ने इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए कुछ टिप्स बताए हैं। आइए जानते हैं कि ये क्या हैं।
1. कोई भी बैंक, insurance कंपनी और सरकार कभी भी कॉल के द्वारा आधार कार्ड (Aadhaar Card) नहीं मांगती है और न ही किसी भी प्रकर के वेरिफिकेशन और कंफर्मेशन के लिए कॉल किया जाता है।
2. Claim सेटलमेंट के लिए, बैंक अकाउंट क्लॉज करने के लिए, सरकार द्वारा किसी भी सरकारी योजना के तहत किये गए insurance के लिए या मृत्यु होने पर पेमेंट देने के लिए कॉल नहीं किया जाता।
3. अगर आप गलती से किसी को OTP दे देते है, तो 15 से 30 मिनट के भीतर बैंक में जाएं या कॉल करके बैंक अधिकारी को सूचित करें, जिससे कुछ परिस्थितियों में बैंक आपकी राशि आपको वापस री-ट्रांसफर कर सकता है।
4. कॉल करने के लिए किसी बैंक या वॉलेट का हेल्पलाइन नंबर गूगल पर सर्च ना करें।
5. सरकारी योजनाओं से संबंधित किसी भी लिंक पर कभी क्लिक ना करें। सूचना प्राप्त करने के लिए हमेशा वेबसाइट पर जाएं।
6. ध्यान रखें कि बैंक, वॉलेट और दूसरी भुगतान सेवाओं की ओर से आधार कार्ड वेरिफिकेशन नहीं होने पर ग्राहक के अकाउंट को डी-एक्टिवेट या ब्लॉक करने के लिए कभी भी कॉल नहीं किया जाता है।
Source: Jagran