01-06-2021

किस्त नहीं चुकाई तो मरने के बाद पत्नी को नहीं मिलेगी बीमा राशि, मद्रास हाईकोर्ट ने दिया आदेश

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01-06-2021
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किस्त नहीं चुकाई तो मरने के बाद पत्नी को नहीं मिलेगी बीमा राशि, मद्रास हाईकोर्ट ने दिया आदेश

चेन्नई: अगर किसी व्यक्ति ने अपने जीवन बीमा की एक भी किस्त नहीं चुकाई है तो उसकी मौत के बाद बीमा की रकम पत्नी को नहीं दी जा सकती। यह बात मद्रास हाईकोर्ट ने अपने एक अंतरिम आदेश में कही है। तमिलनाडु के तिरुवल्लूर जिले के वेपमपट्टू गांव की रहने वाली जी आशा ने अपने पति गणेश राजा की मौत के बाद उसके जीवन बीमा की रकम के लिए दावा किया था। मामले में विवाद पैदा हो जाने पर आशा हाईकोर्ट आई थीं।

मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एस वैद्यनाथन ने यह अंतरिम आदेश दिया। सुनवाई में पीठ ने पूछा कि बीमे की किस्तों का भुगतान किसने किया? याचिकाकर्ता के पति ने या उसके श्वसुर ने? सुनवाई में पीठ ने दूसरा सवाल पूछा, मृतक ने अपने जीवनकाल में बीमा की एक भी किस्त जमा की है या नहीं, यह जाने बगैर मामले का अंतिम फैसला करना संभव नहीं है। अगर याचिकाकर्ता के पति ने अपने बीमा की एक भी किस्त नहीं चुकाई है तो उसकी पत्नी को बीमा राशि का हिस्सा नहीं दिया जा सकता।

पीठ ने कहा, इसमें कोई शक नहीं है कि पति की मौत के बाद बीमा की धनराशि पर पहला हक पत्नी, मां और बच्चों का होता है, पिता का नहीं। लेकिन इस तरह के मामले में स्थापित व्यवस्था बदल जाती है। क्योंकि दावे के अनुसार बीमे की सारी किस्तें मृतक के पिता ने जमा की थीं, इसलिए बीमा राशि की स्थापित भुगतान व्यवस्था का पालन नहीं किया जा सकता और पुत्र की मृत्यु के बाद बीमा राशि पिता को ही मिलेगी।

मामले में यह पिता पर निर्भर करेगा कि वह प्राप्त बीमा राशि में कोई हिस्सा मृतक की पत्नी या प्रथम श्रेणी के अन्य हकदारों को दे या न दे। इस मामले में नामित व्यक्ति के रूप में भी पत्नी का नाम दर्ज नहीं था, इसलिए भी बीमा राशि पर उसका दावा कमजोर पड़ गया। न्यायाधीश ने जीवन बीमा निगम को निर्देश दिया है कि वह तमिलनाडु की सभी शाखाओं से इस तरह के मामलों का ब्योरा मंगवाकर 28 जून तक प्रस्तुत करे। कोर्ट देखेगा कि उसमें किस व्यवस्था का पालन किया गया है। 

Source: Jagran