इंश्योरेंस कंपनियों को सिर्फ प्रीमियम इकट्ठा करने से मतलब, क्लेम रिजेक्ट करने के बहाने ढूंढती है
जालंधर : माडल टाउन की रहने वाली महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए कंज्यूमर फोरम ने इंश्योरेंस कंपनियों के खिलाफ तल्ख टिप्पणी की है। फोरम ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इंश्योरेंस कंपनियां केवल क्लेम रिजेक्ट करने के बहाने ढूंढती हैं। उन्हें सिर्फ प्रीमियम इकट्ठा करने से मतलब है। फोरम ने कंपनी पर क्लेम की राशि का छह प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करने के आदेश दिए। दस हजार रुपये जुर्माना भी किया।
न्यू घई नगर माडल टाउन की गुरप्रीत कौर ने फोरम में याचिका दर्ज करते हुए शिकायत की थी कि उन्होंने एक इंश्योरेंस कंपनी से हेल्थ पालिसी ली। दो लाख रुपये की इस पालिसी में दावा किया गया था कि बीमारी होने की हालत में यह कंपनी हास्पिटल चार्ज, डाक्टर की फीस और दवाइयों का खर्चा देगी। इस दौरान बीमार पड़ने पर गुरप्रीत कौर को पांच दिन के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया। कुल खर्चा 1.64 लाख आया। इसका क्लेम गुरप्रीत कौर ने कंपनी को भेजा और सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद भी उनका क्लेम मंजूर नहीं हुआ। सुनवाई के दौरान कंपनी ने पालिसी होने और पालिसी धारक से प्रीमियम देने की बात तो कबूली लेकिन शर्तो का हवाला देते हुए क्लेम को नकार दिया। उसके बाद कुलजीत सिंह और ज्योत्सना की पीठ ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि इंश्योरेंस कंपनियां क्लेम खारिज करने के लिए बहाने खोजती हैं, उन्हें सिर्फ प्रीमियम इकट्ठा करने से ही मतलब है।
Source: Jagran