24-06-2021

अब घर पर होने वाले इलाज का भी होगा बीमा, इरडा ने कंपनियों से ऐसे इंश्योरेंस प्रोडक्ट लाने को कहा

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24-06-2021
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अब घर पर होने वाले इलाज का भी होगा बीमा, इरडा ने कंपनियों से ऐसे इंश्योरेंस प्रोडक्ट लाने को कहा

नई दिल्ली: घर पर किसी बीमारी के इलाज के मामले में भी हेल्थ इंश्योरेंस कवर मिलेगा। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने इंश्योरेंस कंपनियों को इस तरह का प्रोडक्ट तैयार करने के लिए कहा है। कोरोना काल में घर पर इलाज के मामले में इंश्योरेंस कवरेज की सफलता को देखते हुए इरडा ने नए तरीके से घर पर होने वाले इलाज के लिए कंपनियों को यह सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कहा है।

पहले से चली आ रही पॉलिसी में जोड़ सकती हैं सुविधा

इरडा की तरफ से इंश्योरेंस कंपनियों को भेजे गए सर्कुलर में कहा गया है कि कंपनियां चाहें तो अपने ग्राहकों से कुछ शुल्क लेकर पहले से चले आ रहे हेल्थ इंश्योरेंस में यह सुविधा जोड़ सकती हैं या होम केयर ट्रीटमेंट कवरेज के साथ नया उत्पाद ला सकती है।

होम ट्रीटमेंट में यह सुविधा

इरडा के मुताबिक होम ट्रीटमेंट इंश्योरेंस के तहत डाक्टर की सलाह पर किसी ऐसी बीमारी का इलाज अगर घर पर होता है जिसके लिए अस्पताल जाना जरूरी माना जाता है तो उसे कवर किया जाएगा। अभी आमतौर पर अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराने पर ही हेल्थ इंश्योरेंस का फायदा मिलता है।

कंपनियों को भी होगा फायदा

विडाल हेल्थ के संयुक्त प्रबंध निदेशक शंकर बाली ने बताया कि होम ट्रीटमेंट वाले हेल्थ इंश्योरेंस उत्पाद सीमित तरीके से अब भी उपलब्ध हैं, लेकिन इरडा के नए सर्कुलर से होम ट्रीटमेंट के नए तरह के प्रोडक्ट कंपनियां ला सकती हैं। इससे ग्राहकों के साथ कंपनियों को भी फायदा होगा।

नर्स की मदद से हो सकता है इलाज

बाली ने बताया, 'मान लीजिए कोई मरीज सर्जरी कराता है और बाद में उसकी ड्रेसिंग या फिजियोथेरेपी की जरूरत पड़ती है, तो यह अभी इंश्योरेंस में कवर नहीं होता है। नए उत्पाद में घर पर होने वाले इस प्रकार के इलाज को भी शामिल किया जा सकता है। डाक्टर वीडियो कांफ्रेंसिंग से मरीज को देख लेता है और घर पर नर्स की मदद से इलाज को अंजाम दिया जाता है तो इसे भी इंश्योरेंस के तहत कवर किया जा सकता है।'

कंपनियों का खर्च भी बचेगा

विशेषज्ञों के मुताबिक, इस प्रकार के उत्पाद से इंश्योरेंस कंपनियों का खर्च भी बचेगा क्योंकि घर पर होने वाले इलाज की लागत अस्पताल की तुलना में कम आएगी और ऐसे उत्पाद की बिक्री अधिक होने की भी संभावना रहेगी। 

Source: Jagran