स्थायी लोक अदालत ने इंश्योरेंस कंपनी को लगाई फटकार, कंपनी को करना होगा क्लेम का भुगतान
देहरादून। क्षतिग्रस्त वाहन का क्लेम देने से इन्कार करने पर स्थायी लोक अदालत ने इंश्योरेंस कंपनी को फटकार लगाते हुए क्लेम के भुगतान के आदेश दिए हैं। साथ ही कंपनी को वाद व्यय और मानसिक क्षतिपूर्ति का भी भुगतान करने को कहा है।
आइसीआईसीआइ लोम्बार्ड कंपनी ने एक खाई में गिरकर क्षतिग्रस्त हुए वाहन का इंश्योरेंस क्लेम नहीं दिया। पीड़ित ने चक्कर काटे तो उन्हें अलग-अलग कारण बताए गए। इसे लेकर पीड़ित ने स्थायी लोक अदालत में अपील की। अदालत ने पीड़ित की अपील को सही पाते हुए बीमा क्लेम राशि के साथ ही 35 हजार रुपये मानसिक वेदना और दस हजार वाद व्यय के रूप में देने का आदेश दिया है। बलवीर सिंह ने कार का बीमा कराया हुए था। कार तीन नवंबर 2019 को श्रीनगर मार्ग पर कोटियाला के पास गहरी खाई में गिर गई। सर्वेयर ने सर्वे किया तो गाड़ी को पूरी तरह क्षतिग्रस्त पाया। जिसे खाई से निकालकर दून स्थित गैराज तक लाने के खर्च के रूप में 35 हजार रुपये का खर्च आया। क्लेम दिलाने के लिए भी रकम ली गई। इसके बाद कंपनी कभी डीएल वैध नहीं होने तो कभी अन्य बहाने कर पीड़ित का क्लेम खारिज करती रही। परेशान होकर पीड़ित स्थायी लोक अदालत पहुंचे।
10 को होगा राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन
देहरादून के समस्त न्यायालयों में सभी प्रकार के मुकदमों के निस्तारण के लिए आगामी 10 जुलाई को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सिविल जज नेहा कुशवाहा ने इसके व्यापक प्रचार के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली व उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल के निर्देश पर देहरादून के विभिन्न न्यायालयों में लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है।
लंबित वादों की संख्या को कम करने व पक्षकारों को सौहार्दपूर्ण वातावरण देते हुए वादों के निस्तारण के लिए समय-समय पर यह आयोजन किए जाते हैं। लोक अदालतों में फौजदारी वाद, दीवानी वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर वाद, परिवार वाद, 138 एनआइ एक्ट आदि सभी प्रकृति के वाद निस्तारित किए जा सकते हैं।
Source: Jagran