स्थायी लोक अदालत ने सुनाया फैसला, एचडीएफसी अरगो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को 23.46 लाख क्लेम देने के आदेश
देहरादून। स्थायी लोक अदालत ने इंश्योरेंस कंपनी को दिसंबर 2017 में थत्यूड़, नैनबाग, टिहरी में दुर्घटनाग्रस्त हुई जेसीबी के मामले में मालिक को पूरा क्लेम 23 लाख, 46 हजार रुपये देने के आदेश दिए हैं। इंश्योरेंस कंपनी ने पीड़ित परिवार को क्लेम देने से इन्कार कर दिया था, जिसके बाद पीड़ित ने इसकी शिकायत स्थायी लोक अदालत में की थी।
शिकायतकर्ता टिहरी निवासी विजय पाल सिंह ने बताया कि उन्होंने मार्च 2017 में 24 लाख, 70 हजार रुपये में जेसीबी खरीदी थी। मार्च 2017 को जेसीबी का पंजीकरण आरटीओ कार्यालय टिहरी गढ़वाल से कराया। उन्होंने एचडीएफसी अरगो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से इंश्योरेंस करवाया। 22 दिसंबर 2017 को जेसीबी पीपल खेत थत्यूड़ नैनबाग रोड टिहरी में कार्य करते हुए खाई में गिर गई। बीमा कंपनी की ओर से दुर्घटनाग्रस्त वाहन का सर्वे करवाया गया, जिसमें वाहन को कंडम घोषित किया गया।
बीमा कंपनी की ओर से मौखिक रूप से अवगत कराया गया कि जेसीबी का क्लेम नहीं दिया जा सकता। कंपनी का कहना था कि बीमाकृत वाहन में दुर्घटना के समय तीन व्यक्ति बैठे थे, जबकि रजिस्ट्रेशन एवं नियमानुसार यह केवल एक व्यक्ति के लिए अनुमन्य था। बीमाधारक की ओर से वाहन को नियमानुसार नहीं चलाया गया।
इसके बाद शिकायतकर्ता ने 2020 में स्थायी लोक अदालत के समक्ष वाद दायर किया। सोमवार को स्थायी लोक अदालत के चेयरमैन व एडीजे राजीव कुमार ने फैसला सुनाया कि इंश्योरेंस कंपनी ने गलत तथ्यों के आधार पर क्लेम खारिज किया था। इंश्योरेंस कंपनी को आदेश जारी किए कि शिकायतकर्ता को 23 लाख, 46 हजार रुपये छह प्रतिशत ब्याज दर (जनवरी 2018 से) के साथ अदा करें। इसके अलावा मानसिक व शारीरिक संवेदना के लिए 25 हजार रुपये व आर्थिक हानि धनराशि के तौर पर एक लाख रुपये एक महीने के अंदर अदा करें।
Source: Jagran